अक्टूबर 12, 2011
पेंटिंग नंबर 8
5000 लोगों को खिलाना
योहन 6: 1-15 |
1 |
इन बातों के बाद यीशु गलील की झील अर्थात तिबिरियास की झील के पास गया।, |
2 |
और एक बड़ी भीड़ उसके पीछे हो ली क्योंकि जो आश्चर्य कर्म वह बीमारों पर दिखाता था वे उनको देखते थे। |
3 |
तब यीशु पहाड़ पर चढ़कर अपने शिष्यों के साथ वहां बैठा। |
4 |
और यहूदियों के फसह के पर्व निकट था। |
5 |
तब यीशु ने अपनी आंखे उठाकर एक बड़ी भीड़ को अपने पास आते देखा, और फिलेप्पुस से कहा, कि" हम इनके भोजन के लिये कहां से रोटी मोल लाएं?" |
6 |
परन्तु उसने यह बात उसे परखने के लिये कही; क्योंकि वह आप जानता था कि मैं क्या करूंगा। |
7 |
फिलेप्पुस ने उसको उत्तर दिया, कि "दो सौ दीनार की रोटी उनके लिये पूरी भी नहों गी कि उनमें से हर एक को थोड़ी थोड़ी मिल जाए।" |
8 |
उसके चेलों में से शमौन पतरस के भाई अन्द्रियास ने उससे कहा, |
9 |
"यहां एक लड़का है जिसके पास जव की पांच रोटी और दो मछिलयां हैं परन्तु इतने लोगों के लिये वे क्या हैं?" |
10 |
यीशु ने कहा,"लोगों को बैठा दो।" उस जगह बहुत घास थी, तब वे लोग जो गिनती में लगभग पांच हजार थे, बैठ गए |
11 |
तब यीशु ने रोटियां लीं, और धन्यवाद करके बैठनेवालों को बांट दी. और वैसे ही मछिलयों में से जितनी वे चाहते थे बांट दिया। |
12 |
जब वे खाकर तृप्त हो गए तो उसने अपने चेलों से कहा" बचे हुए टुकड़े बटोर लो, कि कुछ फेंका न जाए।" |
13 |
सो उन्होंने बटोरा, और जव की पांच रोटियों के टुकड़े जो खानेवालों से बच रहे थे उनकी बारह टोकिरयां भरीं। |
14 |
तब जो आश्चर्यकर्म उसने कर दिखा या उसे वे लोग देखकर कहने लगे" वह भविष्यद्वक्ता जो जगत में आनेवाला था, निश्चय यही है। |
15 |
यीशु यह जानकर कि वे मुझे राजा बनाने के लिये आकर पकड़ना चाहते हैं, फिर पहाड़ पर अकेला चला गया। |
यीशू ने परमेश्वर की सेवा के तीन वर्षों में अनेक चमत्कार प्रदर्शित किए। ऐसा कई बार हुआ है कि वे किसी चमत्कार के तुरंत बाद भीड़ से गायब हो गए।. इसका कारण यह है कि लोगों ने उने के अंदर मसीहा की खोज की और उन्हें इसराइल में अपना राजा बनाना चाहते थे। समस्या यह थी कि वे मसीहा के आने के असली मिशन को गलत समझे थे। यह सच है कि भविष्यद्वक्ताओं ने इस्राएल के शासक के रूप में या एक राजा के रूप में उनके बारे में बातें कही, लेकिन वे स्वर्ग में उनके साम्राज्य के बारे में बात कर रहे थे। मसीहा का मिशन मुख्य रूप से उन्हें अनन्त जीवन का रास्ता दिखाकर अपने लोगों को अनन्त मृत्यु से बचाना था। परमेश्वर के मेमने के रूप में वे क्रूस पर चढ़ाए जाने के लिए आए थे और अपना खून बहा कर उन्होंने अपने लोगों के पापों को धोया। स्वयं अनन्त जीवन होने के नाते और अपना जीवन उन्हें देकर, यीशु ने अगर हम उन में विश्वास करते हैं तो हम में से हर एक को अनंत जीवन पाने का अवसर दिया है।