Pierre Bittar French Impressionist Artist  
 

 

 

नवंबर 2, 2011

पेटिंग स. 11

यीशू का अपमान

The Humiliation of Jesus Christ

योहान 19:1-16
1 इस पर पीलातुस ने यीशु को ले कर कोड़े लगवाए।
2 सिपाहियों ने कांटों का मुकुट गूंथ कर उसके सिर पर रखा, और उसे बैंजनी वस्त्र पहिनाया।
3 और उसके पास आ आकर कहने लगे," हे यहूदियों के राजा, प्रणाम!" और उसे थप्पड़ भी मारे।
4 पीलातुस ने फिर बाहर निकल कर लोगों से कहा, "देखो, मैं उसे तुम्हारे पास फिर बाहर लाता हूं; ताकि तुम जानो कि मैं कुछ भी दोष नहीं पाता।"
5 जब यीशु कांटों का मुकुट और बैंजनी वस्त्र पहने हुए बाहर निकला और पीलातुस ने उनसे कहा," देखो, यह है वह पुरूष।"
6 जब महायाजकों और प्यादों ने उसे देखा, तो चिल्लाकर कहा, कि"उसे क्रूस पर चढ़ा दो, क्रूस पर!" पीलातुस ने उनसे कहा, "तुम ही उसे ले कर क्रूस पर चढ़ाओ; क्योंकि मैं उसमें दोष नहीं पाता।"
7 यहूदियों के सरदारो ने उसको उत्तर दिया, " हमारी भी व्यवस्था है और उस व्यवस्था के अनुसार वह मारे जाने के योग्य है क्योंकि उसने अपने आपको परमेश्वर का पुत्र बनाया है।"
8 जब पीलातुस ने यह बात सुनी तो वह और भी डर गया।,
9 और फिर किले के भीतर गया और यीशु से कहा," तू कहां का है?" परन्तु यीशु ने उसे कुछ भी उत्तर न दिया।
10 पीलातुस ने उससे कहा," मुझ से क्यों नहीं बोलता? क्या तू नहीं जानता कि तुझे छोड़ देने का अधिकार मुझे है और तुझे क्रूस पर चढ़ाने का भी मुझे अधिकार है।"
11 यीशु ने उत्तर दिया,"यदि तुझे ऊपर से न दिया जाता, तो तेरा मुझ पर कुछ अधिकार नहो होता; इसलिये जिसने मुझे तेरे हाथ पकड़वाया है, उसका पाप अधिक है।
12 इससे पीलातुस ने उसे छोड़ देना चाहा, परन्तु यहूदियों ने चिल्ला चिल्लाकर कहा, "यदि तू इसको छोड़ देगा तो तेरी भक्ति कैसर की ओर नहीं; जो कोई अपनेआप को राजा बनाता है वहकैसर का सामना करता है।"
13 ये बातें सुनकर पीलातुस यीशु को बाहर लाया और उस जगह एक चबूतरा था जो इब्रानी में गब्बता कहलाता है, और न्याय आसन पर बैठा।
14 यह फसह की तैयारी का दिन था और छठेघंटे के लगभग था: तब उसने यहूदियों से कहा," देखो, यही है, तुम्हारा राजा!"
15 परन्तु वे चिल्लाए कि "लेजा! लेजा! उसे क्रूस पर चढ़ा" पीलातुस ने उनसे कहा," क्या मैं तुम्हारे राजा को क्रूस पर चढ़ाऊं?" महायाजकों ने उत्तर दिया, "कैसर को छोड़ हमारा और कोई राजा नहीं।"
16 तब उसने उसे उनके हाथ सौंप दिया ताकि वह क्रूस पर चढ़ाया जाए।

यहाँ निरादर के संबंध में मसीह से कई सौ साल पहले पुराने विधान से कुछ भविष्यवाणियाँ हैं।

मैंने मारने वालों के सामने अपनी पीठ कर दी और दाढ़ी नोचने वालों के सामने अपना गाल। मैंने अपमान करने और थूकने वालों से अपना मुख नहीं छिपाया। इसायाह 50:6

वह अपने पर किया हुआ अत्याचार धैर्य से सहता गया और चुप रहा। वध के लिए ले जाये जाने वाले मेमने की तरह और ऊन कतरने वाले के सामने चुप रहने वाली भेड़ की तरह उसने अपना मुँह नहीं खोला। इसायाह 53:7

पर हमारे पापों के कारण वह छेदित किया गया है। हमारे कूकर्मों के कारण वह कुचल दिया गया है। जो दण्ड वह भोगता था, उसके द्वारा हमें शान्ति मिली है और उसके घावों द्वारा हम भले-चंगे हो गये हैं। इसायाह 53:5

यीशू ने अपने अपमान के माध्यम से हमें सिखाया हैः

  • बुराई पर विजय पाने का रास्ता अच्छाई के माध्यम से है।
  • हिंसा पर अहिंसा के द्वारा ही काबू किया जा सकता है।
  • घृणा को प्रेम के माध्यम से रोका जा सकता है।

 

 

 

 
  

 हमारे प्रभु की जिंदगी

परिचय 1 - उद्घोषणाएँ 2 - यीशु का जन्म 3 - मिस्र को पलायन
4 - डॉक्टरों के साथ मंदिर में 5 - प्रथम 4 शिष्य 6 - काना में विवाह 7 - यीशू द्वारा विधवा के पुत्र को पुनर्जीवन प्रदान करना
8 - 5000 लोगों को खिलाना 9 - अंतिम रात्रिभोजन 10 - यहूदा द्वारा विश्वासघात 11 - यीशु का निरादर
12 - सलीब पर चढ़ाना और मृत्यु 13 - यीशु का पुनर्जीवन 14 - उत्थान वचन को फैलाना

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